जिस मंदिर में गैंगरेप हुआ, वहां दलितों को एंट्री नहीं; पीड़ित की मां बोली- पुजारी ने फोन कर बेटी को बुलाया था - achhinews

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

Post Top Ad

Blossom Themes

Thursday, 7 January 2021

जिस मंदिर में गैंगरेप हुआ, वहां दलितों को एंट्री नहीं; पीड़ित की मां बोली- पुजारी ने फोन कर बेटी को बुलाया था

उत्तर प्रदेश का बदायूं 8 साल बाद फिर सुर्खियों में है। 2012 में दिल्ली में निर्भया के साथ इसी जिले के एक नाबालिग ने दुष्कर्म किया था। यहां उघैती इलाके में रविवार को मंदिर में पुजारी ने दो लोगों के साथ एक दलित महिला के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी। जिस मंदिर में हैवानियत का खेल हुआ, वहां दलितों का जाना मना है। वारदात का मुख्य आरोपी पुजारी फरार है।

बदायूं में उघैती थाने से करीब 2 किलोमीटर दूर मवेली गांव है। गांव के मेन रोड से 50 मीटर दूर वह मंदिर है, जहां रविवार को 45 साल की दलित महिला से गैंगरेप कर उसकी बेहद क्रूर तरीके से हत्या कर दी गई थी। अब मंदिर को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। किसी को भी मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। गांव के लोग नेताओं और मीडिया की गाड़ियों को देखने के लिए या तो छतों पर खड़े हैं, या फिर खेतों के किनारे पर।

जिस जगह महिला की गैंगरेप के बाद हत्या हुई, उस जगह को पुलिस ने सील कर दिया है।

मंदिर में दलितों को एंट्री नहीं
गांव के चौकीदार खच्चू वाल्मीकि कहते हैं कि जब वारदात हुई तो वे गांव में ही थे। लेकिन, जब मामला बढ़ा तो उन्हें पता चला। वे कहते हैं, 'हम वाल्मीकि हैं। हमारा मंदिर में आना मना है।' इसकी तस्दीक मंदिर के नजदीक बने मकान में रह रहे नत्थू भी करते हैं। वे कहते हैं, 'मेरी उम्र 65-70 के आसपास है। हमने वाल्मीकि और जाटवों को मंदिर जाते नहीं देखा।' जिस मंदिर में गैंगरेप हुआ, वहां भी दलितों का जाना मना है।

गांव में रहने वाले नत्थू अपनी पत्नी के साथ मंदिर के पास ही रहते हैं, उन्होंने किसी दलित को मंदिर जाते नहीं देखा।

मां ने कहा- पुजारी ने बेटी को फोन कर बुलाया था
मंदिर से करीब 700-800 मीटर दूर पीड़ित का मायका है। वहां एक संकरी गली के बाहर दो पुलिसवाले बैठे हैं। साथ ही गांव वालों की भीड़ लगी हुई है। छोटे से दरवाजे से घर में घुसते ही छप्पर है। पीड़ित की मां आंगन में एक किनारे बैठी हुई है। वे कहती हैं, 'ठाकुर जी (विष्णु भगवान) के मंदिर में पुजारी ने ऐसा नीच काम किया है। रविवार (घटना वाले दिन) को पुजारी ने फोन कर बेटी को मंदिर बुलाया था।'

उन्होंने बताया, 'हम घर में अकेले रहते हैं। बेटी रविवार को आती थी और सोमवार को सुबह चली जाती थी। हमने बिटिया को पढ़ाया-लिखाया, तब उसे नौकरी मिली। वही घर का खर्च चला रही थी। पुलिस अगर हमारी बात सुन लेती तो पुजारी भाग नहीं पाता।'

पीड़ित की मां ने कहा, 'ठाकुर जी के मंदिर में पुजारी ने ऐसा नीच काम किया है।'

पीड़ित के घर आता-जाता था पुजारी
घर के पास रहने वाले ओमपाल कहते हैं, 'पीड़ित के पति की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। इस वजह से वह पुजारी के पास जाया करती थी। पुजारी तंत्र-मंत्र भी करता था। पीड़ित की मां ने भी माना कि पुजारी का उनके घर आना-जाना था।

आरोपी 7 साल पहले गांव पहुंचा था
महिला से गैंगरेप का आरोपी सत्यप्रकाश 7 साल पहले मवेली गांव में पहुंचा था। वह मंदिर का पुजारी बनकर रहने लगा। गांव के बंटू गुप्ता बताते हैं कि पुजारी का आचरण कुछ दिन तक ठीक रहा। लेकिन, गांव के ही एक आदमी ने पुजारी को मांस खाते और शराब पीते देख लिया। लोगों को इस बात का पता चला, तो उन्होंने ऐतराज जताया। लेकिन, सत्यप्रकाश ने दबंगई दिखाई। इसके बाद गांव के लोगों ने वहां जाना बंद कर दिया।

गांव के रहने वाले बंटू गुप्ता ने बताया कि पुजारी का पीड़ित के घर आना-जाना था।

पुजारी बनकर सत्यनारायण तंत्र-मंत्र भी करता था। गांव वाले बताते है कि गैंगरेप पीड़ित का मायका इसी गांव में है। वह मंदिर अक्सर जाती थी। वारदात के दिन भी वह करीब 15 किलोमीटर दूर से मंदिर आई थी।

DM पर है मंदिर की जिम्मेदारी
गांव के पोस्टमास्टर सतीश चन्द्र बताते हैं कि ठाकुर भूप सिंह ने 80 साल पहले यह मंदिर बनवाया था। वे गांव के इकलौते ठाकुर परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने आखिरी समय में उन्होंने एक कमेटी बनाकर मंदिर और उससे सटी 20 बीघा जमीन दान कर दी। बाद में उन्होंने कमेटी भंग कर मंदिर और जमीन की जिम्मेदारी जिले के DM को दे दी। प्रशासन ने इसका केयरटेकर गांव के ही एक आदमी को बना दिया। इसके बाद केयरटेकर और पुजारी बदलते रहे।

गांव में मौजूद मंदिर की जिम्मेदारी जिले के DM की है। उनकी तरफ से ही यहां केयरटेकर तैनात किया जाता है।

पीड़ित के घर अफसरों ने डेरा डाला
उघैती से 12 किमी दूर केयवली गांव में पीड़ित का ससुराल है। थोड़ी दूर पैदल चलने पर दाएं हाथ पर एक 5 फीट चौड़ी रोड है, जिस पर गिट्टी और बालू पड़ी हुई है। करीब 100 मीटर की दूरी पर पीड़ित का घर है। पीड़ित का पति बिस्तर पर है। भाई, दो शादीशुदा बहनें और उनके पति, दो छोटी बहनें भी घर के अंदर मौजूद हैं। कई लोग अंदर आकर फोटो खींच रहे हैं।

यह पीड़ित के घर का रास्ता है। उसका पति बिस्तर पर है, तो बेटा ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।

बेटे ने कहा- कुछ मत पूछो, थक गया हूं
घर के आंगन में तहसीलदार के साथ SP और ADM बैठे थे। बहुत बुलाने पर बेटा बाहर आया। उसने कहा, 'अब कुछ मत पूछिए बहुत थक गया हूं। जब से होश संभाला है, तब से पिता को चारपाई पर और मां को काम करते देखा है। वहीं घर का खर्च चलाती थीं। इस साल ग्रेजुएशन का फॉर्म भरा था, लेकिन फीस जमा नहीं हो पाई थी। मां ने कहा था कि फॉर्म जमा हो गया है, फीस भी जमा हो जाएगी। अब घर का खर्च कैसे चलेगा?' इसी दौरान कुछ लोग वहां पहुंच गए और वह उन्हें आपबीती सुनाने लगा।

घटना के बाद पीड़ित के घर के बाहर इस तरह नेताओं और गांव वालों की भीड़ उमड़ रही है।

नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी
बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव पीड़ित के घर पहुंचे। उन्होंने कहा, 'सरकार से पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा, मामले की CBI जांच और बेटे के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है।' उनके जाने के बाद बदायूं की मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य के आने का अलर्ट हो गया। भीड़ में चर्चा हो रही थी कि महिला सांसद होने के बावजूद वे इतनी देर बाद पीड़ित के परिवार से मिलने पहुंची।

पीड़ित के परिवार से बातचीत करते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Badaun Gang Rape And Murder | Dainik Bhaskar Ground Report From Uttar Pradesh Maholi Village


source https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/news/badaun-gang-rape-and-murder-ground-report-from-uttar-pradesh-maholi-village-128097644.html

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot