कुछ लोग अहंकार की वजह से सच्चाई को मानते नहीं है, अपनी हार को स्वीकार नहीं करते हैं - achhinews

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

Post Top Ad

Blossom Themes

Friday, 4 December 2020

कुछ लोग अहंकार की वजह से सच्चाई को मानते नहीं है, अपनी हार को स्वीकार नहीं करते हैं

कहानी- महाभारत युद्ध के 18वें दिन दुर्योधन मैदान छोड़ कर भाग गया था। वह एक कीचड़ से भरे तालाब में जाकर छिप गया। कुछ ही समय में पांडवों ने उसे ढूंढ लिया। युधिष्ठिर ने दुर्योधन को चुनौती दी कि तालाब से बाहर निकलो और हमसे युद्ध करो।

दुर्योधन बाहर आया और उसने कहा, 'युधिष्ठिर, अब मैं युद्ध नहीं करना चाहता। तुम मुझसे पृथ्वी चाहते थे, मेरा राजपाठ चाहते थे, अब से ये सब तुम्हारा है, तुम अब राज करो।'

युधिष्ठिर ने कहा, 'अब तेरे पास है ही कहां, जो तू मुझे दे रहा है। अपनी गलतफहमी दूर करो, अब तेरे पास कुछ भी नहीं है। तेरे पास सिर्फ तेरे प्राण बचे हैं, वही हम लेने आए हैं।'

दुर्योधन कहता है, 'मेरे भाई, मित्र, रिश्तेदार सब मर गए हैं। अब मेरी जीने की इच्छा नहीं है। मेरे मन में वैराग्य जाग गया है। मैं साधु बनकर रहना चाहता हूं। तुम ये राजपाठ सब ले लो।'

श्रीकृष्ण भी वहीं खड़े थे। उन्होंने कहा, 'अब तो बुराइयों का साथ छोड़। अब तो सच का सामना कर। देख, हालात बदल गए हैं। दुनियाभर के बुरे काम करने के बाद अब साधु की भाषा बोल रहा है। युद्ध तूने शुरू किया था तो अब तू युद्ध से भाग नहीं सकता है। युद्ध कर।'

इसके बाद भीम और दुर्योधन का युद्ध हुआ, जिसमें दुर्योधन मारा गया।

सीख- वास्तविकता का सही ढंग से सामना करना चाहिए। कुछ लोग अपनी हार मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं, ऐसे लोग ये नहीं मानते हैं कि हमारे गलत कामों का परिणाम आ चुका है। अगर व्यक्ति हालात को अहंकार की वजह से स्वीकार नहीं करता है तो वह एक और गलती है। इस गलती से बचना चाहिए।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, mahabharata story, bhim and duryodhan yuddha


source https://www.bhaskar.com/jeevan-mantra/dharm/news/aaj-ka-jeevan-mantra-by-pandit-vijayshankar-mehta-mahabharata-story-bhim-and-duryodhan-yuddha-127978300.html

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot