कहानी उस लेह शहर की जो हवा में उड़ते फाइटर जेट की आवाज के बीच तीन रातों से अपनी नींद पूरी न कर पाया है - achhinews

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, 10 September 2020

कहानी उस लेह शहर की जो हवा में उड़ते फाइटर जेट की आवाज के बीच तीन रातों से अपनी नींद पूरी न कर पाया है

Your Ad Spot
lahe_1599755971

‘कल पूरी रात हम सो नहीं पाए। सुबह उठकर चाय पीते मेरी मां भी यही कहती रहीं कि न जाने वहां सरहद पर क्या चल रहा है। पूरी रात सिर्फ फाइटर जेट की आवाजें आती रहीं। वो डरती हैं कहीं करगिल और 1962 वाले हालात दोबारा न लौट आए।’ लेह की एक होटल की मैनेजर नसरीन के चेहरे का तनाव मास्क के पीछे से भी साफ मालूम हो रहा है। वो कहती हैं ‘पहले कोरोना और अब ये चीन के साथ युद्ध जैसे हालात।’ कुछ देर सोचने लगती हैं फिर पूछती हैं, ‘युद्ध हुआ तो क्या लेह सिटी पर भी असर होगा?’

नसरीन अकेली नहीं हैं, जिन्हें पिछले तीन दिन से लेह के आसमान में रात ढाई बजे तक उड़ते फाइटर जेट की आवाजों से नींद नहीं आ रही। लेह मार्केट में अपने दोस्तों के साथ बैठे गप्पें मार रहे यासीन भी यही बातें कर रहे हैं। और वहां बस स्टैंड पर पिछले 6 महीनों से टूरिस्ट के बिना खाली बैठे टैक्सी और लोकल बस वालों का भी यही कहना है। मानो पूरा का पूरा लेह शहर पिछले तीन दिनों से अपनी नींद पूरी न कर पाया हो।

012_1599750208
तस्वीर लेह के बाजार की है। चीन सीमा पर तनाव के बाद यहां के सभी लोगों के मन में यही डर है कि कहीं करगिल और 1962 वाले हालात दोबारा न लौट आए।

लेह के कुशोक बकुला रिंपोचे एयरपोर्ट पर उतरी ही थी कि वायुसेना का गजराज कहे जाने वाले बड़े-बड़े ट्रांसपोर्ट विमानों की गर्जना ने ये एहसास कराया कि वहां से 200 किमी दूर सरहद पर सबकुछ ठीक तो नहीं ही है। जितनी देर कोविड का आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने, उसकी रिपोर्ट आने और पार्किंग तक सामान लेकर आने में लगी, तब तक 6 से ज्यादा आईएल 30 और सी17 ग्लोबमास्टर लेह के एयरफोर्स एयरफील्ड से टेकऑफ और लैंडिंग कर चुके थे।

इसी से सटे सिविलियन एयरपोर्ट पर जहां आधे खाली विमान और एक या दो सफेद एयरक्राफ्ट खड़े नजर आ रहे थे, वहीं दीवार के उस पार एयरफोर्स का एयरपोर्ट मानो ऑलिव ग्रीन से पटा हुआ था। दूर-दूर तक सिर्फ एयरफोर्स के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और उनसे उतरते सैनिक और सामान ही नजर आ रहा था।

दो दिन पहले जब भारत-चीन सीमा पर चुशूल इलाके में गोली चली तो उसका असर 200 किमी दूर लेह तक साफ महसूस होने लगा। फिर चाहे वो सेना के मूवमेंट के चलते हो, लेह के आसमान में उड़ते फाइटर जेट्स या फिर यहां के लोगों की फिक्र। ताशी 12 साल के थे जब 1962 का युद्ध हुआ। कहते हैं ‘हमने अपने बाबा की मदद बंकर बनाने में की थी। हमें डर था कि गोलीबारी होने लगी तो कहां छुपेंगे।’

011_1599750241
तस्वीर लेह के बस स्टैंड की है। ये सभी बसें पिछले 6 महीने से स्टैंड में खड़ी हैं, यहां कोई टूरिस्ट नहीं आ रहे हैं।

ताशी के बाबा तो करगिल में बतौर पोर्टर सेना की मदद करने भी गए थे। वैसे पिछले एक हफ्ते से चुशूल इलाके से जो तस्वीरें आ रही हैं, उनमें गांव वाले सेना के लिए पोर्टर का काम करते दिख रहे हैं। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट हैं, पीठ पर कई किलो सामान और बंजर जमीन पर हौसला उठाए चले कदम। इनमें महिलाएं और बौद्ध भिक्षु सब शामिल हैं। ताशी कहते हैं, वो चीन बहुत भीतर तक कब्जा कर चुका है। हमें तो पता भी नहीं, क्योंकि न तो सेना हमको वहां जाने देती है, न ही उन चरवाहों को जो पहले चीन के इलाकों तक में अपने जानवर लेकर जाते थे।

बेरोक-टोक, बेपरवाह ये चरवाहे पहले 2-3 साल तक वहां जाते थे और फिर इस बिना हदबंदी वाली सरहद पर हमारे और चीन के इलाके कुछ किलोमीटर यहां-वहां खिसक जाते थे। उन्हें लगता है कि अगर हमारी सेना हमारे चरवाहों को नहीं रोकती तो चीन इतने अंदर तक कब्जा नहीं कर पाता। चीन के कब्जे का ये हल लगभग हर लद्दाख वाला बताता है।

जो सरहद अब तक बिना हदबंदी वाली थी, वहां तीन-चार दिन पहले पहली बार तारबंदी हुई है। इतिहास में पहली बार भारतीय सेना ने अपने इलाके तक कंटीले तार लगा दिए हैं। रेजांगला से हेलमेट टॉप तक लगभग 30 किमी इलाके में ये तारबंदी की गई है। इसी इलाके में सेना ने टैंक और गोला-बारूद भी जमा कर लिया है।

44_1599750580
लेह मार्केट में कुछ सामान लेकर बैठी हुई महिला। जब से चीन सीमा पर गोली चली है यहां के रहवासियों को युद्ध का डर सता रहा है।

चुशूल में सरहद से थोड़ी दूर जितने भी गांव हैं, वहां 29 अगस्त की रात हुई दोनों सेनाओं के बीच झड़प के बाद से ही मोबाइल फोन बंद है। खैर-खबर देने को बस एक कम्युनिटी सैटेलाइट फोन है, जो आधे समय बंद रहता है और बाकी समय उसे इस्तेमाल करनेवालों की लंबी कतार होती है।

लंबी लाइनें उन सेना की गाड़ियों की भी है जो लेह हाईवे से चीन सरहद की ओर जा रही हैं। और उन ट्रकों की भी जो मनाली और जोजिला के रास्ते जरूरी सामान लाने की हड़बड़ाहट में हैं। अगले महीने के आखिर तक ये दोनों ही रास्ते बंद हो सकते हैं। फिर बर्फबारी में सिर्फ हवा के जरिए ही सामान लाने ले जाने का विकल्प होगा। इस बार सामान इकट्ठा करने की हड़बड़ाहट थोड़ी ज्यादा है। वजह सरहद पर युद्ध से हालात हैं।

सेरिंग आईबी से रिटायर हुए हैं। नौकरी का ज्यादातर वक्त दौलत बेग ओल्डी जैसे सरहदी इलाकों में गुजार चुके हैं। कहते हैं, चीन के साथ युद्ध आसान नहीं है। वो पाकिस्तान नहीं है। पाकिस्तान के सैनिक जहां देखते ही गोली मारने को तैयार रहते हैं वहीं चीन के सैनिक आते हैं। हाथ हिलाते हैं। आग जलाते हैं। हमारे सैनिकों पर लाइट फेंकते हैं। और बताते हैं कि हम वहां मौजूद हैं।

44_1599750452
तस्वीर लेह हाईवे की है। चीन के साथ तनाव के बाद यहां सेना की गाड़ियों का मूवमेंट तेज हो गया है।

चीन अपनी मौजूदगी का एहसास इन दिनों कुछ ज्यादा ही करवा रहा है। पिछले एक हफ्ते से उस पार से फायरिंग की आवाजें आ रही हैं। चीन अपने इलाकों में फायरिंग एक्सरसाइज कर रहा है। लड़ाकू विमानों की तैनाती भी। और अपनी तमाम एक्सरसाइज के वीडियो वो सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर रहा है।

चीन की इस हरकत का तनाव उन गांवों तक भी पहुंचा है, जो चीन सीमा के सबसे नजदीक हैं। यही वजह है कि सरकारी अफसर और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के नेता गांवों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। चुशूल पहुंचने की वजह वैसे वो चुनाव भी हैं जो अगले ही महीने होने हैं। इन नेताओं की मुलाकात भले बनावटी हो, लेकिन इस मुसीबत के वक्त में तनाव कम करने में गांव के बुजुर्ग अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये बुजुर्ग गवाह है 1962 के युद्ध के। युद्ध की तैयारी भले पूरी है लेकिन सेना ने अब तक गांव खाली करने जैसा कोई आदेश नहीं दिया है। दो दिन से इन गांवों में जब ये अफवाहें चलकर जाने लगीं तो इन्हीं बुजुर्गों ने लोगों को सब्र रखने की सलाह दी।

यह भी पढ़ें :

स्पेशल फोर्स के शहीद के घर से रिपोर्ट / एक दिन पहले नीमा तेनजिन ने फोन पर कहा था, चुशूल में मेरी जान को खतरा है, मेरे लिए पूजा करना, रात 3 बजे फौजी उनकी शहादत की खबर लाए



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
lahe_1599755971
India-China faceoff: Latest Updates, Live report From Leh,India china border Dispute


source https://www.bhaskar.com/db-original/news/india-china-faceoff-latest-updates-live-report-from-lehindia-china-border-dispute-127707428.html

No comments:

Post a Comment

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad