पंजाब अब तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 4097 और मृतकों की संख्या 102 हो गई है। वहीं लोगों को इस खतरनाक विषाणु के खौफ से निकालने के लिए पांचवें फेज का देशव्यापी लॉकडाउन रविवार को 22वें दिन में प्रवेश कर गया है। पंजाब में इसी बीच कई तरह की परेशानियों और नाराजगी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। साथ ही बठिंडा जैसे एकाध शहर में लोग भी लापरवाह भी नजर आ रहे हैं।
गुरु नानक देव अस्पताल से ठीक हुए लोग प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार नहीं
अमृतसर में टेस्टिंग में गड़बड़ी के चलते मजीठा रोड स्थित तुली लैब पर स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 टेस्ट करने पर रोक लगा दी है। लैब के खिलाफ चल रही जांच पूरी न होने तक अब यहां कोविड-19 टेस्ट नहीं हो सकेगा। इस बात की पुष्टि सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर ने की है। वहीं इस लैब पर विजिलेंस ने भी शिकंजा कसा है। असल में लैब के संचालक पर आरोप लगा था कि वह निगेटिव लोगों को पॉजिटिव बताकर निजी अस्पताल में भेज रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता विक्की दत्ता व कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने तुली लैब के खिलाफ धरना लगाया। विक्की दत्ता का आरोप था कि उनके परिवार की रिपोर्ट तुली लैब में पॉजिटिव बताई गई, जबकि सरकारी इनफ्लुएंजा लैब में रिपोर्ट निगेटिव आई।
उधर, इंडियन कौंसिल मेडिकल रिसर्च द्वारा अमृतसर स्थित गुरु नानक देव अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी को स्वीकृति प्रदान की है, लेकिन इस अस्पताल से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार ही नहीं हैं।
लुधियाना में आरोप उठे हैं कि प्रदेश की सरकार ने मरे हुए लोगों को भी राशन बांट दिया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री की तरफ से भेजे गए राशन को राज्य सरकार ने मरे हुए लोगों को भी बांट दिया। लुधियाना सेंट्रल हलके में ऐसे कई केस सामने आए हैं, जिनमें या तो नीला कार्ड धारक व्यक्ति मर चुका है या फिर व्यक्ति को पता ही नहीं कि उनके आधार नंबर पर किसी और नाम से नीला कार्ड बना है। भाजपा के जिला प्रधान पुष्पिंदर सिंघल, प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता, प्रवक्ता अनिल सरीन व कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस इस घपले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। हालांकि इस बारे में डीएफएससी सुखविंदर सिंह गिल का कहना है कि सभी कार्ड पूरी वेरिफिकेशन के साथ बनाए गए हैं। अगर ऐसा कुछ है तो इसकी जांच की जाएगी।
800 भट्ठा मजदूरों को जल्द घर भेजने का भरोसा दे राधास्वामी सत्संग भवन में ठहराया
गुरदासपुर में जिले के ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले 800 मजदूर घर वापसी को लेकर बेकरार हैं, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही। आज तीसरे दिन है, वो डीसी कार्यालय के बाहर डेरा लगा बैठे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनके पास पहुंचकर उनका दुख दर्द सुनने की जहमत नहीं उठाई। गुस्साए प्रवासी मजदूरों ने रोष प्रदर्शन तेज कर दिया तो डीसी मोहम्मद इशफाक ने उनके राज्य में पहुंचाने का आश्वासन देकर गुरदासपुर के राधा स्वामी सत्संग भवन में ठहरा दिया। डीसी का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों में जल्द ही भेजा जाएगा। इस संबंधी प्रक्रिया चल रही है।
बठिडा में सोमवार से शुक्रवार तक हर प्रकार की दुकानों को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोलने का अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ दुकानदार इन नियमों का पालन नहीं करते। जहां पुलिस नाका नहीं होता, वहां रात के 9 बजे तक भी कोई ध्यान नहीं देता। दूसरी ओर ठेके बंद करने का तो कोई पक्का समय है ही नहीं। इसी तरह कुछ दुकानदार समय से पहले भी दुकान खोलकर बैठ जाते हैं।
कोटकपूरा में हीरा सिंह नगर कॉलोनी में सीवरेज ओवरफ्लो होने के कारण पानी सड़कों पर आने लग गया है। मोहल्लावासी कंवरपाल सिंह और राज रानी ने बताया कि मोहल्ले की गली नंबर पांच जो हीरा सिंह नगर से शहर को जाने का मुख्य रास्ता है, के आगे मुख्य मार्ग पर सीवरेज के दो होल अक्सर ओवरफ्लो होकर बहने लग गए। उधर ड्यूटी पर मौजूद नगर कौंसिल के सफाई सेवक अविनाश चौहान ने बताया कि वह सीवरेज ओवरफ्लो, टूटी गलियों और नालियों के सबंध अपनी तरफ से अधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं। उनको भी सफाई करने में परेशानी आ रही हैं, पर वो बेवस हैं। वहीं कार्यसाधक अफसर बलविदर सिंह ने बताया कि सीवरेज जाम की समस्या को लेकर एसडीओ सीवरेज बोर्ड को शिकायत फारवर्ड कर दी गई है।
लॉकडाउन में सड़कों पर गंदगी न फैले, इसके लिए पठानकोट में पठानकोट-अमृतसर नेशनल हाईवे पर वुमैन वेलफेयर सोसायटी की जिला अध्यक्ष शीला देवी के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया। इसमें शामिल हुए भोआ हलका खत्री सभा के अध्यक्ष अंकुर बेदी ने कहा कि स्वच्छता हमारे घर सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता है। इसी को मद्देनजर भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है। लॉकडाउन में तो यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
पटियाला में थापर यूनिवर्सिटी के पूर्व विद्यार्थी डॉ. पंकज और पूजा (2001 में गेट के लिए क्वालीफाइड) ने कोविड-19 के दौर में समय का अनुकूल तरीकों से उपयोग करने को लेकर एक पुस्तक रिलीज की है। इस लॉकडाउन के चलते उन्होंने अपने सभी पुराने नोटों को एक व्यापक किताब में बदल दिया। इसी तरह लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कोरोना पर पुस्तक का विमोचन किया गया है, जो बताएगी कि हमें क्या करना है और क्या नहीं।
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