गुजरात हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के कारण अहमदाबाद में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। दरअसल, यात्रा पर रोक लगाए जाने की अपील को लेकरयह याचिका शनिवार सुबह ही दाखिल की गई थी, जिस पर शाम को सुनवाई की गई।
चीफ जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस जेबी पारडीवाला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पुरी में होने वाली जगन्नाथरथयात्रा पर रोक लगा सकता है तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। बेंच ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए रथयात्रा फिलहाल शहर में नहीं निकल सकती है।
बता दें कि अहमदाबाद में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा मेंदुनियाभर सेलाखों श्रद्धालुहिस्सा लेते हैं। पुरी जगन्नाथ रथयात्रा के बाद देश में होने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा है।यह 23 जून से शुरू होने वाली थी।
अब तक 142 रथयात्रा निकल चुकीं
अगर इस साल रथयात्रा पर रोक नहीं लगाई जाती तो यह 143वीं रथयात्रा होती। हर साल यह जमालपुर क्षेत्र में ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से शुरू होती है।मौजूदा समय में यह इलाका कोरोना का हॉटस्पाट बना हुआ है।सुबह रथ यात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री मंदिर परिसर की सफाई करते हैं। इसे पाहिंद विधि कहते हैं। यह रथ यात्रा महोत्सव 10-12 दिन चलता है।
18 जून को सुप्रीम कोर्ट नेपुरी जगन्नाथ रथयात्रा रोकी थी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में 23 जून से शुरू होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर गुरुवार कोरोक लगा दी थी।चीफ जस्टिस एसए बोबडेने कहा था कि अगर कोरोना के बीचहमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें बड़ी तादाद में भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए।चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा था कि इस साल राज्य में कहीं भी रथयात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।
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